आम बजट 2024 मंगलवार को लोकसभा में पेश हो गया है। बजट युवा, महिला, गरीब और किसान सभी वर्गों को लिए कई बड़े ऐलान किए गए हैं। हालाँकि, केंद्र सरकार के बजट से विपक्षी दल काफी नाखुश नजर आ रहे हैं।
जहां एक तरफ मोदी सरकार इस बजट को दूरगामी बताते हुए अपनी पीठ थपथपा रही है, तो वहीं दूसरी तरफ विपक्षी दल बजट और सरकार पर तीखा हमला कर रहे हैं। आइए जानते हैं कि प्रमुख विपक्षी पार्टियों के वरिष्ठ नेतागणों ने बजट पर क्या कहा है।
राहुल गांधी ने इस बजट को सहयोगियों को खुश करने वाला बताया है। उन्होंने कहा, बजट में अन्य राज्यों की कीमत पर उनसे (सहयोगियों) खोखले वादे किए गए। राहुल ने कहा, ये बजट अपने मित्रों को खुश करने के लिए लाया गया है।
इससे AA (अडानी अंबानी) को लाभ होगा और आम भारतीय को कोई राहत नहीं मिलेगी। केवल इतना ही नहीं राहुल गांधी ने इस बजट को कॉपी पेस्ट करार दिया। राहुल ने दावा किया कि बजट कांग्रेस के घोषणा पत्र और पिछले बजट से कॉपी किया गया है।
बसपा प्रमुख मायावती ने आम बजट 2024 को लेकर कहा कि संसद में आज पेश केन्द्रीय बजट अपने पुराने ढर्रे पर कुछ मुट्ठी भर अमीर व धन्नासेठों को छोड़कर देश के गरीबों, बेरोजगारों, किसानों, महिलाओं, मेहनतकशों, वंचितों व उपेक्षित बहुजनों के त्रस्त जीवन से मुक्ति हेतु ’अच्छे दिन’ की उम्मीदों वाला कम बल्कि उन्हें मायूस करने वाला ज्यादा है।
आगे उन्होंने कहा देश में छाई जबरदस्त गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, पिछड़ापन तथा यहाँ के 125 करोड़ से अधिक कमजोर तबकों के उत्थान व उनके लिए जरूरी बुनियादी सुविधाओं के प्रति इस नई सरकार में भी अपेक्षित सुधारवादी नीति व नीयत का अभाव।
साथ ही उन्होने यह भी कहा है, कि बजट में ऐसे प्रावधानों से क्या लोगों का जीवन खुश व खुशहाल हो पाएगा ? देश का विकास व लोगों का उत्थान आँकड़ों के भूल भुलैया वाला न हो, बल्कि लोगों को त्रस्त जीवन से मुक्ति के लिए रोजगार के अवसर, जेब में खर्च के लिए पैसे/ आमदनी जैसी बुनियादी तरक्की सभी को मिलकर महसूस भी हो। रेलवे का विकास भी अति-जरूरी। सरकार बीएसपी सरकार की तरह हर हाथ को काम दे।
केंद्रीय बजट के बाद शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि मुझे लगता है, कि इस बजट को 'प्रधानमंत्री सरकार बचाओ योजना' कहा जाना चाहिए।
क्योंकि उन्हें एहसास हो गया है, कि अगर वे अगले 5 वर्षों के लिए इस सरकार को बचाना चाहते हैं, तो उन्हें अपने गठबंधन सहयोगियों की खुशी की आवश्यकता होगी। बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने से इनकार करने के बाद, उन्होंने उन्हें धन दिया है।
महाराष्ट्र को केंद्र द्वारा नजरअंदाज किया जा रहा है। यह एक ऐसा राज्य बन गया है जहां आप लगातार पैसे लेते रहते हैं। आदित्य ठाकरे ने भी महाराष्ट्र को नजरअंदाज करने की बात कही है।
सपा अध्यक्ष ने आम बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर हम यूपी का ही देख ले तो निवेश की हालत क्या रही होगी और बातें आँकड़ों के हिसाब से बड़ी-बड़ी की जाती है।
अगर इनकी प्रोजेक्ट देख लें तो कोई भी समय पर पूरा नहीं हुआ है। आगे उन्होंने कहा कि इस बजट में उत्तर प्रदेश के लिए कुछ नहीं है, जो प्रदेश प्रधानमंत्री देता है उसके किसानों के लिए क्या प्रावधान किए गए हैं ? इस सरकार ने बेरोजगारी को लेकर कुछ नहीं किया है।
जब तक किसान और नौजवानों की पक्की नौकरी का इंतजाम नहीं होगा तब तक जनता को कोई बड़ा लाभ नहीं पहुंचेगा..." दस सालों में इन्होंने जो बेरोजगारी बढ़ाई है उसको कैसे कम करें? वो भी आधी-अधूरी नौकरी से और बड़ा सवाल ये है कि क्या जो आधी अधूरी नौकरी है उसमें आरक्षण होगा। देश का नौजवान आज पक्की नौकरी चाहता है।