शरद पवार ने महाराष्ट्र की राजनीति में पुनः एक बार हलचल मचा दी है

By :Admin Published on : 31-Jul-2023
शरद

शरद पवार का कहना है, कि यदि उनकी पार्टी एनसीपी कांग्रेस एवं शिवसेना (यूबीटी) निर्णय कर ले तो वह महाराष्ट्र में परिवर्तन ला सकते हैं। शरद पवार ने यह भी दावा किया है, कि वो हाल ही की शिंदे सरकार के साथ कभी नहीं जुड़ने वाले हैं। राकांपा कांग्रेस एवं शिवसेना (यूबीटी) प्रदेश में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के घटक हैं।


महाराष्ट्र की राजनीति में एकबार पुनः सरगर्मियां बढ़ी हैं। ये हलचल एनसीपी के प्रमुख शरद पवार के एक बयान के पश्चात हुई है। दरअसल, शरद पवार ने बताया है, कि यदि उनकी पार्टी कांग्रेस एवं शिवसेना (यूबीटी) फैसला करें, तो वे महाराष्ट्र के अंदर परिवर्तन ला सकती हैं। राकांपा, कांग्रेस एवं शिवसेना (यूबीटी) राज्य में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के घटक हैं। 


शिंदे सरकार से पार्टी का जुड़ाव असंभव 


शरद पवार ने यह भी दावा किया है, कि वो हाल ही की शिंदे सरकार के साथ कभी साथ नहीं आने वाले। वह रविवार को एक पुस्तक विमोचन समारोह में बोल रहे थे, जहां उन्होंने शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और वरिष्ठ कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट के साथ मंच शेयर किया।


MVA ने प्रण किया तो परिवर्तन निश्चित है 


शरद पवार ने याद किया कि कैसे पिछली सरकारों ने प्राचीन कला और संस्कृति, साहित्य और इतिहास के संरक्षण में सहायता की थी।


उन्होंने कहा, "हमारे लिए वर्तमान राज्य सरकार के साथ जुड़ना कठिन है। परंतु कोई न कोई समाधान अवश्य निकलेगा। यदि हम तीन (एमवीए घटक) ठान लेते हैं, तो परिवर्तन हो सकता है।"


2 जुलाई के पश्चात पहली बार मंच साझा किया 


2 जुलाई को अजित पवार के विद्रोह की वजह एनसीपी के विभाजन के पश्चात यह पहली बार था, कि एमवीए के तीनों सहयोगियों के नेताओं ने मंच एकसाथ साझा किया। 2 जुलाई को अजित पवार एवं आठ अन्य एनसीपी विधायक एकनाथ शिंदे-भाजपा सरकार में शम्मिलित हो गए। पुस्तक विमोचन कार्यक्रम के दौरान, शरद पवार ने यह भी कहा कि यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान राजवाड़े इतिहास संशोधक मंडल को 50 लाख रुपये की धनराशि प्रदान करेगा। पवार इस प्रतिष्ठान के प्रमुख हैं।

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