कर्नाटक चुनाव: टिकट ना मिलने पर साबदी और शेट्टार समेत 8 नेताओं ने छोड़ी भाजपा

By :Admin Published on : 18-Apr-2023
कर्नाटक

चुनावी घमाशान के चलते कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए विभिन्न पार्टियों द्वारा अपने अधिकांश उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी गई है। सूची जारी होने के उपरांत से ही राज्य की राजनीति चरम पर है। इसी मध्य टिकट न मिलने पर भाजपा के बहुत सारे नेता पार्टी से नाखुश चल रहे हैं। इनमें से 8 बड़े नेताओं ने तो पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। 


भाजपा के बहुत सारे नेताओं ने विगत दिनों टिकट न मिलने के उपरांत कांग्रेस अथवा जेडीएस का हाथ पकड़ लिया है। बतादें, कि इन नेताओं में भाजपा की तरफ से पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार एवं पूर्व डिप्टी सीएम लक्ष्मण सावदी शम्मिलित हैं। शेट्टार तो भाजपा छोड़ने के उपरांत तुरंत ही कांग्रेस पार्टी से जुड़ गए हैं। सामान्य सी बात है, कि उनके भाजपा छोड़ने से पार्टी के लिए काफी नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है।


कुल कितने नेताओं ने भाजपा का दामन छोड़ा


विधानसभा चुनाव संपन्न कराने हेतु टिकट जारी होने के उपरांत भाजपा के समकुल 8 नेताओं द्वारा पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया जा चुका है। इन इस्तीफा देने वाले नेताओं पर नजर डालें तो इनमें पूर्व सीएम, पूर्व डिप्टी सीएम से लेकर बहुत से विधायक एवं एमएलसी तक शम्मिलित हैं। साथ ही, इस सूची में पूर्व सीएम जगदीश शेट्टार एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी भी शम्मिलित हैं।


साथ ही, इसके अतिरिक्त पूर्व विधायक डीपी नारीबोल, मंत्री एस अंगारा एवं बीएस येदियुरप्पा के करीबी डॉक्टर विश्वनाथ सहित वर्तमान विधायक एमपी कुमारस्वामी, मौजूदा विधायक गुली हटी शेखर, मौजूदा विधायक रामप्पा लमानी मौजूदा एमएलसी शंकर शम्मिलित हैं।


सावदी और शेट्टार के भाजपा छोड़ने से पार्टी को काफी नुकसान 


भाजपा को जगदीश शेट्टार एवं लक्ष्मण सावदी के जाने से बड़ा झटका मिला है। यह अनुमान लगाया जा रहा है, कि पार्टी को आगामी चुनाव में इसकी वजह से काफी ज्यादा नुकसान वहन करना पड़ सकता है। दरअसल, शेट्टार हुबली-धारवाड़ सीट से चुनाव लड़ते आए हैं। इसलिए वह यहीं से टिकट भी मांग रहे थे। परंतु, पार्टी द्वारा टिकट देने से साफ मना कर दिया गया है। 


शेट्टार के इस्तीफे से कांग्रेस को मिल सकते हैं लिंगायत समुदाय के वोट


शेट्टार लिंगायत समुदाय से संबंध रखते हैं, इसलिए उनका लिंगायत समुदाय में अच्छा खासा दबदबा भी है। निश्चित रूप से शेट्टार का कांग्रेस में शामिल होना पार्टी के लिए काफी सहायक साबित हो सकता है। बतादें, कि लिंगायत समुदाय के कर्नाटक में 18 प्रतिशत मतदाता हैं। जो कि भाजपा के मतदाता माने जाते हैं। हालांकि, फिलहाल शेट्टार द्वारा भाजपा को छोड़ने के उपरांत वह अकेले भी 20 से 25 सीटों को प्रभावित कर सकते हैं।

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