प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कांग्रेस के नेता राहुल गांधी के घोषणा पत्र पर टिप्पड़ी करते हुए कहा गया है , यदि देश में कांग्रेस की सरकार आ जाए तो आम लोगों की संपत्ति घुसपैठियों में वितरित कर दी जाएगी।
यह बात प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी संपत्ति के रिडिस्ट्रीब्यूशन को लेकर राहुल गांधी को घेरते हुए कही गई है। लेकिन क्या सच में आम जनता की संपत्ति को केंद्र सरकार दूसरे लोगों में बांटने का हक देती है?
आइये बात करते है आज के इस आर्टिकल में कि वेल्थ रीडिस्ट्रिब्यूशन क्या ?
भाजपा द्वारा विपक्ष पर हमला करके बोला जा रहा है ,यदि कांग्रेस को मौका दिया जाता है तो यह लोगों से उनके पैसे लेकर घुसपैठियों और ज्यादा बच्चों वाले परिवार में बाँट देगी।
2024 के चुनाव को लेकर सभी पार्टियों में काफी घमासान मचा हुआ है , और बाकी की कसर सैम पित्रोदा विरासत टैक्स की बात करते हुए पूरी कर दी गयी है।
राजस्थान में रविवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने रैली में कहा - कांग्रेस के शहजादे यानी राहुल गांधी द्वारा कहा गया है यदि इस बार चुनाव में उनको मौका दिया जाता है ,तो वह सभी लोगों की सम्पत्तियों की जांच करेंगे और देखेंगे कौन कितना कमाता है।
किसके पास कितनी जायदाद है , इसके बाद उस प्रॉपर्टी को रिडिस्ट्रीब्यूट कर दिया जाएगा।
इसके अलावा कांग्रेस पार्टी ने एक और विवाद को हवा दे दी है , बुधवार को कांग्रेस के नेता सैम पित्रोदा के विरासत वाले टैक्स में कहा गया है संपत्ति या पुश्तैनी जायदाद का 45 % हिस्सा उसके वारिश को प्रदान किया जाएगा बाकी बची हुई संपत्ति सरकार द्वारा जब्त कर ली जाएगी।
इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच बहस जारी है।
राहुल गाँधी द्वारा सम्पत्ति के बटवारें की बात इलेक्शन मेनिफेस्टो के आ जानें के बाद कही गयी है।
राहुल गांधी ने सबसे पहले हम कास्ट स्टेटस चेक करेंगे ताकि पता लगाया जा सके की कुल आबादी, पिछड़ा वर्ग, एससी , माइनोरिटी और अन्य जातियों का स्टेटस पता चल सके।
इसके बाद फाइनेंसियल सर्वे किया जाएगा जिसमें नौकरियों,सम्पत्तियों और वेलफेयर स्कीम को बाँटने का कार्य किया जायेगा।
वेल्थ रीडिस्ट्रिब्यूशन के अंदर टैक्स या चैरिटी के माध्यम से पैसे एक जगह से दूसरी जगह पर पहुँचाये जायेगे या कह सकते है राहुल गाँधी एक ऐसा सिस्टम बनाना चाहते है।
जिसमें अमीर लोगों से पैसे लेकर गरीब और जरूरतमंद लोगों को दिया जा सके। लोगों द्वारा भुगतान किये जाना वाला टैक्स भी एक वैल्थ रिडिस्ट्रीब्यूशन के अंदर आता है।
अमीर और गरीब के बीच की खाई बढ़ती जा रही है , इसी असमानता को दूर करने के लिए वेल्थ रेडिस्ट्रीब्यूशन की घोषणा राहुल गांधी द्वारा की गई है।
पेरिस की संस्था वर्ल्ड इनइक्वैलिटी लैब द्वारा एक रिपोर्ट जारी की गई है जिसमें बताया गया है 90 के दसक के बाद अमीर और गरीब के बीच की खाई इन 10 सालों में सबसे ज्यादा देखने को मिली है। इनकम गैप वालों देशो में भारत को भी सम्मिलित किया गया है।
वेल्थ रीडिस्ट्रिब्यूशन के आर्टिकल 39 के अंदर कहा गया है मानव के भौतिक संसाधनों का इस तरीके से प्रयोग किया जाना चाहिए , जिससे आम लोगों की भलाई की जा सके।
सरकार द्वारा इस तरीके से पॉलिसी बनानी चाहिए ताकि इकॉनिमिक सिस्टम वेल्थ कंस्ट्रक्शन की तरफ न जाए। वेल्थ कंस्ट्रक्शन यानी कुछ ही लोगों के पास दौलत का अधिक होना।