केरल के वायनाड में भूस्खलन से 100 से ज्यादा लोग जान गवा चुके हैं। वहीं, सैकड़ों से ज्यादा लोग लापता हैं। केरल और केंद्र सरकार की तरफ से भारतीय सेना की मदद लेकर लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है। इस बीच अमित शाह ने वायनाड आपदा को लेकर राज्यसभा को संबोधित किया और बताया कि किसकी गलती थी।
केरल के वायनाड में आई भीषण तबाही से सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है। बहुत सारे लोग बेघर भी हो चुके हैं और बहुत सारे गांव जलमग्न हो चुके हैं।
वायनाड में हुई लैंडस्लाइड को लेकर अब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में संबोधित किया है। अमित शाह ने कहा, केंद्र सरकार की ओर से केरल सरकार को लैंडस्लाइड को लेकर अर्ली वॉर्निंग दी गई थी।
चेतावनी देने के बावजूद केरल सरकार ने मामले पर कोई गंभीरता नहीं दिखाई और इसमें लापरवाही बरती। इस घटना को लेकर मिली चेतावनी के बाद भी केरल सरकार ने लोगों को वहां से नहीं हटाया। केरल सरकार ने केंद्र की चेतावनी को नजरअंदाज किया।
अमित शाह ने राज्यसभा में कहा कि, "मैं कुछ चीजों की स्पष्टता के लिए खड़ा हुआ हूँ। इस घटना में जितने लोग हताहत हुए हैं और घायल हुए हैं, उन सभी के परिवार के प्रति मेरी संवेदना है।
मृतकों के परिजनों और उनके परिवार के लोगों के प्रति मेरी अपार संवेदना है। जानकारी के अभाव में कुछ टिप्पणियां हुई। देश के सामने कोई गलतफहमी न जाए इसलिए मैं स्पष्टता देना चाहता हूं।
अंग्रेजी में अर्ली वॉर्नंग-अर्ली वॉर्निंग विपक्ष द्वारा बोला भी गया। 23 जुलाई को केरल सरकार को भारत सरकार की तरफ से अर्ली वॉर्निंग दी गई थी। इसके बाद 24, 25 और 26 जुलाई को वॉर्निंग दी गई।"
अमित शाह ने कहा कि "सभी चेतावनियों में कहा गया है, कि 20 सेंटीमीटर से अधिक बारिश होगी। भारी वर्षा के साथ-साथ लैंडस्लाइड की भी संभावना है, जिसकी चपेट में आकर लोग मर सकते हैं।
मैं कुछ कहना नहीं चाहता हूं लेकिन भारत सरकार की वॉर्निंग प्रणाली पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। देश में कई राज्य ऐसे हैं, जिन्होंने इस वॉर्निंग सिस्टम का उपयोग कर जीरो कैजुअलटी देखा है।"
गुजरात सरकार और ओडिशा सरकार ने इस प्रणाली का उपयोग किया। गुजरात में तो इस वॉर्निंग सिस्टम की वजह से एक पशु तक नहीं मरा है।
भारत सरकार ने अर्ली वॉर्निंग सिस्टम के लिए 2 हजार करोड़ का खर्चा किया है। बतादें, कि 7 दिन पहले हर राज्य को सूचना भेजी जाती है। साइट पर सभी के लिए यह सूचना उपलब्ध है।