कोविशील्ड मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, जानें मामले की गंभीरता के बारे में

By :Tractorbird News Published on : 01-May-2024
कोविशील्ड

लोकसभा चुनाव के बीच ब्रिटेन की फार्मा कंपनी ने स्वीकार किया है कि यूरोप में वैक्सजेवरिया और भारत में कोविशील्ड नाम की उसकी कोरोना वैक्सीन 'बहुत दुर्लभ मामलों' में रक्त के थक्के से संबंधित दुष्प्रभाव पैदा कर सकती है।

कोविशील्ड वैक्सीन के सुरक्षा पहलुओं पर विवाद अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। बुधवार (01 मई) को जोखिम कारकों का अध्ययन करने के लिए एक विशेषज्ञ चिकित्सा पैनल के गठन की मांग वाली याचिका अदालत में डाली गई है।

विश्वसनीय मीडिया एजेंसियों के अनुसार, वकील विशाल तिवारी की ओर से दायर याचिका में कहा गया है, "भारत में कोविशील्ड की 175 करोड़ से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं। 

कोविड 19 के बाद दिल का दौरा पड़ने और अचानक बेहोश होने से होने वाली मौतों में बढ़ोतरी हुई है। युवाओं में भी दिल का दौरा पड़ने के कई मामले सामने आए हैं। 

अब कोविशील्ड के डेवलपर की ओर से यूके की अदालत में दायर किए गए दस्तावेज के बाद, हम कोविशील्ड वैक्सीन के जोखिम और खतरनाक परिणामों पर सोचने के लिए मजबूर हैं, जो बड़ी संख्या में नागरिकों को दी गई है।"

अखिलेश यादव ने की कोविशील्ड मामले की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की मांग  

कोविशील्ड वैक्सीन के 'साइड इफेक्ट्स' को लेकर उठे विवाद के बीच समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ पार्टी ने लोगों की जान जोखिम में डालकर वैक्सीन निर्माता से राजनीतिक चंदा वसूला है और इसकी उच्च स्तरीय न्यायिक जांच की जानी चाहिए। 

उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी 'जानलेवा' दवाओं की अनुमति देना किसी की हत्या की साजिश के समान है। साथ ही, इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए।

अखिलेश यादव ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, 'एक व्यक्ति को दो वैक्सीन के हिसाब से तकरीबन 80 करोड़ भारतीयों को कोविशील्ड वैक्सीन दी गई है, जिसके संबंध में उसका मूल फॉर्मूला बनाने वाली कंपनी ने कहा है कि इससे हृदयघात का खतरा हो सकता है। 

जिन लोगों ने वैक्सीन के साइड इफेक्ट के कारण अपनों को खोया है या जिन्हें वैक्सीन के दुष्परिणामों की आशंका थी, अब उनका शक और डर सही साबित हुआ है।

Categories

Similar Posts