जदयू के प्रमुख प्रवक्ता नीरज कुमार के मुताबिक, सम्राट चौधरी ने 2020 के विधानसभा चुनाव के शपथ पत्र में अमेरिका के कैलिफोर्निया पब्लिक यूनिवर्सिटी से डी.लिट. की डिग्री की बात लिखी थी। परंतु, अमेरिका में ऐसी कोई यूनिवर्सिटी है ही नहीं। सम्राट चौधरी पहले राकेश सम्राट थे, जो कि अब नाम बदलकर सम्राट चौधरी हो गए हैं। जदयू प्रवक्ता ने यह भी पूछा है, कि सम्राट ने जिस वक्त डिग्री ली थी, उस समय उनका क्या नाम था?
जदयू ने एक बार पुनः भारतीय जनता पार्टी पर जमकर निशाना साधा है। जदयू के प्रमुख प्रवक्ता ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी की डिग्री को फर्जी करार दिय है। इसी संदर्भ में जदयू ने भाजपा नेता सम्राट चौधरी से 72 घंटे में जवाब देने की मांग की है। जदयू प्रवक्ता ने सम्राट चौधरी के नाम पर भी सवाल खड़ा किया है।
सम्राट चौधरी ने जदयू पर जमकर पलटवार किया
इधर, डिग्री फर्जी होने जैसे आरोप लगने के चलते बिहार में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने भी पलटवार किया है। उन्होंने बताया है, कि मुझे कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी की तरफ से 2019 में सम्मानित किया गया था। यह पब्लिक डोमेन में है।
उन्होंने कहा है, कि जदयू के लोग और नीतीश कुमार केवल इधर-उधर की बातें कर रहे हैं। मैं समस्त चीजें जनता के समक्ष रख दूंगा। सम्राट चौधरी ने यह भी कहा है, कि मेरा उपनाम राकेश कुमार है, इस बात को सब लोग जानते हैं।
जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश ने सम्राट चौधरी पर कसा तंज
सम्राट की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने सम्राट चौधरी की तुलना छुटभैया नेता से कर दी थी। उन्होंने कहा था, कि सम्राट चौधरी ने छुटभैया नेता की तरह टिप्पणी की है। इसका खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ेगा।
सम्राट चौधरी के खिलाफ मानहानि का केस किस वजह से दर्ज किया गया था
बतादें, कि इससे पूर्व जदयू के मुंगेर जनपद के अध्यक्ष नचिकेता मंडल ने बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी पर मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। दरअसल, जदयू राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह की तरफ से महागठबंधन कार्यकर्ताओं के सम्मान में मीट चावल का भोज आयोजित किया गया था। इसे लेकर सम्राट चौधरी ने टिप्पणी की थी। इसी टिप्पणी से नाराज होकर मंडल ने यह केस दर्ज कराया था। आरोप यह है, कि इस भोज के संदर्भ में सम्राट चौधरी ने कथित तौर पर कहा था कि कार्यकर्ता सम्मान भोज में शराब पार्टी हुई है। इसको लेकर जदयू जिलाध्यक्ष ने पहले सम्राट चौधरी को लीगल नोटिस भेजा था। इसके पश्चात मानहानि का परिवाद सीजेएम कोर्ट में दर्ज किया गया।