जीतन राम मांझी को केंद्र सरकार में (MSME) का मंत्रालय सौंपा गया है। दरअसल, जीतन राम मांझी एनडीए के सहयोगी दल हम के एक मात्र सांसद चुनकर लोकसभा पहुंचे हैं।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री 79 वर्षीय नेता जीतनराम मांझी को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय (MSME) का जिम्मा सौंपा गया है।
भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में छोटे और मध्यम स्तर के व्यवसायों का काफी बड़ा योगदान है। इसलिए इसे आर्थिक विकास का इंजन अथवा रीढ़ की हड्डी के तौर पर भी जाना जाता है।
इसके तहत कम पूंजी निवेश कर उद्यमशीलता को प्रोत्साहन दिया जाता है। यह ना केवल रोजगार के नवीन अवसर पैदा करता है, बल्कि ग्रामीण इलाकों के विकास में भी इसकी बेहद अहम भूमिका है।
यह कारीगरों और श्रमिकों की भलाई के लिए काम करता है। बैंकों से क्रेडिट लिमिट या आर्थिक सहायता मुहैया कराता है। एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट यानी नए बिजनेस को बढ़ावा देता है।
स्किल अपग्रेडेशन और मैनपावर ट्रेनिंग मुहैया कराने पर काम करता है। पैकेजिंग, प्रोडक्ट डेवलपमेंट और डिजाइन इंटरवेंशन में भी मदद करता है।
मॉडर्न टेस्टिंग फैसिलिटी और क्वालिटी सर्टिफिकेशन देता है। टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट और मॉडर्नाइजेशन को सपोर्ट करता है। डोमेस्टिक और एक्सपोर्ट मार्केट तक पहुंच आसान हो, इसके लिए मदद करता है।
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सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय अंतरराष्ट्रीय और घरेलू बाजार के लिए कई तरह के उत्पादों का उत्पादन और निर्माण करता है। 2023-2024 के बजट में इसके लिए 22137.95 करोड़ रुपये आवंटित किए गए।
अगर हम आंकड़ों के अनुसार बात करें तो 31 अगस्त 2021 तक भारत में लगभग 6.3 करोड़ सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग हैं।
वर्तमान समय में भारत की जीडीपी में लगभग 30% प्रतिशत एमएसएमई का योगदान है। इसके माध्यम से देश में 11 करोड़ से अधिक लोगों को मौजूदा वक्त में रोजगार मिल रहा है।