हमास द्वारा इजराइल पर किए गए हमले की वजह भारत का ड्रीम प्रोजेक्ट - जो बाइडेन

By :Admin Published on : 26-Oct-2023
हमास



इजरायल-हमास के मध्य जब से युद्ध शुरू हुआ है तब से ही अमेरिका निरंतर इस पर कड़ी नजर बनाए हुए है। फिलहाल, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस युद्ध की वजह को लेकर एक बड़ी बात कह डाली है। 


इजरायल-हमास के मध्य चल रहे युद्ध को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की तरफ से बड़ा दावा किया गया है। जो बाइडेन ने कहा कि, "उन्हें लगता है कि हमास की तरफ से इजरायल पर आतंकवादी हमला करने का एक कारण हाल ही में नई दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान महत्वाकांक्षी भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे की घोषणा भी हो सकता है।" दरअसल, यह प्रोजेक्ट पूरे क्षेत्र को रेलमार्ग के नेटवर्क से जोड़ता है। 


7 अक्टूबर को आतंकवादी समूह हमास की तरफ से किए गए आक्रमणों में 1,400 से ज्यादा इजरायली लोगों की मृत्यु हुई थी। इस हमले के पश्चात इजरायल ने हमास के विरुद्ध बड़े स्तर पर जवाबी कार्रवाई चालू की थी। दोनों के मध्य अब भी युद्ध चल रहा है।


जो बाइडेन ने आॉस्ट्रेलियाई पीएम के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता की  


बाइडेन ने ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज के साथ एक संयुक्त प्रेस वार्ता में कहा,  "उन्होंने अपने आप से ये आंकलन किया है और इसके लिए उनके पास कोई सबूत नहीं है। उन्होंने कहा, “मैं इस बात से आश्वस्त हूं कि हमास के आतंकी हमले के पीछे कहीं न कहीं यही एक बड़ा कारण है। हालांकि मेरे पास इसे लेकर सबूत नहीं हैं, लेकिन मेरी अंतरात्मा मुझे यह बता रही है। उन्होंने ये भी कहा कि हम इस प्रोजेक्ट को पीछे नहीं छोड़ सकते।”


जो बाइडेन ने एक सप्ताह में दूसरी बार कही ये बात 


आपकी जानकारी के लिए बतादें, कि एक हफ्ते के अंदर यह दूसरी बार है जब जो बाइडेन ने हमास के आक्रमण के संभावित कारण के रूप में भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईईसी) का उल्लेख किया है। इस आर्थिक गलियारे को बहुत सारे लोग चीन की बीआरआई प्रोजेक्ट के विकल्प के तौर पर भी देखते हैं। यह संयुक्त रूप से अमेरिका, भारत, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, फ्रांस, जर्मनी, इटली और यूरोपीय देशों को जोड़ेगा। इसकी घोषणा भारत ने सितंबर में नई दिल्ली में हुए जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान की थी। यह कॉरिडोर दो इलाकों में होगा। एक हिस्सा पूर्वी गलियारा होगा जो भारत को खाड़ी क्षेत्र से जोड़ेगा। वहीं, दूसरा हिस्सा उत्तरी गलियारा होगा जो कि खाड़ी क्षेत्र को यूरोप से जोड़ेगा।


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