सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में जस्टिस संजीव खन्ना की सिफारिश की है। CJI चंद्रचूड़ के सेवानिवृत होने के बाद जस्टिस खन्ना अगले सीजेआई के रूप में कार्यभार संभालेंगे। संजीव खन्ना का कार्यकाल मई 2025 तक रहेगा।
मीड़िया खबरों के मुताबिक, प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने बुधवार को न्यायमूर्ति खन्ना को अपनी सिफारिश का पत्र सौंपा था।
10 नवंबर को सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के सेवानिवृत होने के बाद न्यायमूर्ति संजीव खन्ना 11 नवंबर को भारत के 51वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में पद ग्रहण कर सकते हैं।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना 13 मई, 2025 को सेवानिवृत्त होंगे। जानकारी के लिए बतादें, कि न्यायमूर्ति संजीव खन्ना 18 जनवरी, 2019 को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत हुए थे।
अगर न्यायमूर्ति खन्ना 11 नवंबर को 51वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदभार ग्रहण करते हैं, तो उनका कार्यकाल छह महीने से थोड़ा ज्यादा होगा और वे 13 मई, 2025 को पदमुक्त होंगे।
ये भी पढ़ें: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: महा विकास अघाड़ी में सीट शेयरिंग को लेकर तस्वीर साफ
न्यायमूर्ति खन्ना को 2005 में दिल्ली उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया तथा 2006 में उन्हें स्थायी न्यायाधीश बनाया गया।
14 मई 1960 को जन्मे न्यायमूर्ति खन्ना ने दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि संकाय के ‘कैम्पस लॉ सेंटर’ (CLC) से कानून की पढ़ाई की।
सर्वोच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति खन्ना के कुछ उल्लेखनीय निर्णयों में चुनावों में ईवीएम के उपयोग को बरकरार रखना शामिल है, जिसमें कहा गया है कि ये उपकरण सुरक्षित हैं और इनसे मतदान केंद्रों पर कब्जा कर फर्जी मतदान करने की आशंका समाप्त हो जाती है।
संजीव खन्ना पांच न्यायाधीशों की उस पीठ का भी हिस्सा थे, जिसने राजनीतिक दलों को वित्त पोषण देने वाली चुनावी बांड योजना को असंवैधानिक घोषित किया था।
न्यायमूर्ति खन्ना पांच न्यायाधीशों की उस पीठ का भी हिस्सा थे, जिसने तत्कालीन जम्मू कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र के 2019 के फैसले को बरकरार रखा था।