महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की तारीखों के एलान के साथ ही राज्य में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। सभी पार्टियों अपनी रणनीतियों पर काम करने में जुट गई है।
इस बीच विभिन्न दलों के नेताओं ने मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जारंगे से मेलजोल बढ़ाना शुरू कर दिया है। सभी नेता जरांगे से मिलने के लिए कतार में लग गए हैं।
जानकारी के लिए बतादें कि मराठा जाति में जन्मे मनोज जरांगे पाटिल मूल रूप से बीड जिले के शिरुर कासर तहसील के मंटोरी गांव के रहने वाले हैं, जो शाहगढ़ में बसे हैं।
वे 15 साल पहले मराठा आरक्षण आंदोलन में शामिल हुए थे। बाद में उन्होंने विरोध प्रदर्शन आयोजित करने के लिए शिवबा संगठन की स्थापना की ।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से पहले ही उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सत्तारूढ़ महायुति के सीएम फेस को लेकर भी तस्वीर साफ कर दी है।
फडणवीस ने कहा कि मुख्यमंत्री पद के लिए उम्मीदवार की घोषणा करने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि एकनाथ शिंदे को पहले ही गठबंधन द्वारा मुख्यमंत्री पद के लिए नामित किया जा चुका है।
ये भी पढ़ें: महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई के सभी टोल मुफ्त करने की घोषणा की
बुधवार को यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि महायुति को सीएम चेहरे की घोषणा करने की आवश्यकता नहीं है, हमारे मुख्यमंत्री यहां बैठे हैं।
मैं पवार साहब को चुनौती देता हूं कि वे सीएम पद के लिए अपना चेहरा घोषित करें।
सभी नेता जरांगे से मिलने के लिए कतार में लग गए हैं, जो पिछले साल तक बहुत कम ही मिलते थे। दरअसल, सभी पार्टियां समर्थन जुटाने के लिए उनसे मिल रही हैं और नेता खुद के लिए चुनाव टिकट सुनिश्चित करने के लिए मेलजोल बढ़ा रहे हैं।