महाराष्ट्र चुनाव: मनोज जरांगे के इस फैसले से सियासी हलचल तेज

By :Admin Published on : 05-Nov-2024
महाराष्ट्र

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की रस्साकसी के बीच एक और चौंकाने वाली खबर सामने आई है। मराठा आरक्षण आंदोलन के प्रमुख नेता मनोज जरांगे पाटिल ने चुनावी मैदान में न उतरने का निर्णय लिया है। 

इससे पहले उन्होंने कई विधानसभा सीटों पर मराठा उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया था। 

लेकिन, अब मनोज जरांगे पाटिल ने अपने समर्थकों से अपील की है, कि वे चुनावी प्रक्रिया में सक्रिय रहें। लेकिन वे किसी भी उम्मीदवार या पार्टी का समर्थन नहीं करें। 

जरांगे ने कहा "हम चुनाव में नहीं उतर रहे, लेकिन हम चाहते हैं कि आप लोग खुद तय करें कि किसे हराना है और किसे चुनना है।"

मनोज जरांगे कोई उम्मीदवार चुनाव में नहीं उतारेंगे  

जरांगे पाटिल ने पहले मराठा समुदाय के लिए विभिन्न सीटों पर उम्मीदवार उतारने की घोषणा की थी। उन्होंने रविवार को पार्वती और दौड़ विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों का समर्थन करने की बात भी की थी। 

हालांकि, अब उन्होंने अपना फैसला बदलते हुए यह कहा कि वे चुनावी मैदान में किसी भी उम्मीदवार को खड़ा नहीं करेंगे। 

यह बदलाव सियासी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। क्योंकि इससे मराठा समुदाय के वोटों में बंटवारा होने की संभावना कम हो गई है।

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जरांगे के निर्णय से किसको लाभ और किसको हानि 

राजनीती के जानकारों के अनुसार, अगर जरांगे अपने उम्मीदवार उतारते तो मराठवाड़ा में मराठा वोटों का बंटवारा हो सकता था, जिससे महायुति को नुकसान हो सकता था। 

लेकिन, अब ऐसा नहीं होगा जिससे कि महाविकास अघाड़ी को काफी लाभ हांसिल हो सकता है।

वहीं, भाजपा और शिवसेना (शिंदे गुट) को नुकसान हो सकता है। इस समय महाराष्ट्र में सत्ताधारी दलों के लिए मराठा समुदाय की नाराजगी चिंता का विषय है। 

अगर मराठा समुदाय ने सरकार के खिलाफ अपनी स्थिति मजबूत की तो चुनाव परिणामों पर इसका गहरा असर पड़ सकता है।

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