बिहार की राजधानी पटना में 'रिजर्वेशन बचाओ संघर्ष समिति' ने भारत बंद में भाग लिया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में समिति के सदस्यों ने सड़क पर उतरकर नारेबाजी की है।
आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा लिए गए निर्णय के विरुद्ध देशव्यापी विरोध प्रदर्शन जारी किया जा रहा है। वहीं, इसका प्रमुख लक्ष्य सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देना तथा उसको पलटने की वकालत करने से है।
उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़ और राजस्थान जैसे राज्यों में भारत बंद का प्रभाव सबसे अधिक दिखने वाला है।
इस वजह से पुलिस पूर्ण रूप से मुस्तैद है। राजस्थान के पांच जनपदों में स्कूलों में छुट्टी की घोषणा की गई है। राजस्थान में भारत बंद का असर सबसे ज्यादा देखने को मिल सकता है।
बिहार के जहानाबाद में भारत बंद के समर्थकों ने उंटा में नेशनल हाइवे (एनएच) 83 को ब्लॉक कर दिया है। आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के विरोध में 'आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति' आज एक दिवसीय भारत बंद कर रही है।
उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में अभ्यार्थियों का विरोध जारी है। मंगलवार रात लखनऊ में शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थी डटे रहे हैं। उन्होंने मांग की है, कि जब तक उनकी नियुक्ति नहीं हो जाती है, तब तक वे डटे रहेंगे। उनका कहना है, कि आरक्षण में घोटाला किया गया था।
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बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने भारत बंद का समर्थन किया है। बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने कहा, "बीएसपी का भारत बंद को समर्थन, क्योंकि बीजेपी व कांग्रेस आदि पार्टियों के आरक्षण विरोधी षडयंत्र एवं इसे निष्प्रभावी बनाकर अन्ततः खत्म करने की मिलीभगत के कारण 1 अगस्त 2024 को SC/ST के उपवर्गीकरण व इनमें क्रीमीलेयर संबंधी सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के विरुद्ध लोगों में रोष व आक्रोश है।"
मायावती ने कहा, कि "इसको लेकर इन वर्गों के लोगों द्वारा आज ’भारत बंद’ के तहत सरकार को ज्ञापन देकर संविधान संशोधन के जरिए आरक्षण में हुए बदलाव को समाप्त करने आदि की मांग की है। बंद को बिना किसी हिंसा के अनुशासित व शान्तिपूर्ण तरीके से किए जाने की अपील भी की गई है।
एससी-एसटी के साथ ही ओबीसी समाज को भी आरक्षण का मिला संवैधानिक हक इन वर्गों के सच्चे मसीहा बाबा साहेब डा. भीमराव अंबेडकर के अनवरत संघर्ष का परिणाम है, जिसकी अनिवार्यता व संवेदनशीलता को बीजेपी, कांग्रेस व अन्य पार्टियां समझकर इसके साथ भी कोई खिलवाड़ न करें।"