बतादें, कि एनसीपी नेता अजित पवार जब से शिंदे सरकार में शामिल हुए हैं, उसके बाद से ही महाराष्ट्र की सियासत में हलचल मच गई है। एनसीपी चीफ शरद पवार द्वारा इसको बगावत करार दिया है।
महाराष्ट्र में चल रही सियासी सरगर्मियों के मध्य एनसीपी ने दावा किया है, कि लोकसभा चुनाव एवं महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव इसी वर्ष हो सकते हैं। एनसीपी के विधायक और शरद पवार के पोते रोहित पवार ने न्यूज एजेंसी एएनआई से वार्ता में कहा कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव से 5-6 महीने पहले ईवीएम मशीन की जाँच की जाती है और चार दिन पूर्व महाराष्ट्र के अधिकारियों को ईवीएम तैयार करने के निर्देश मिले हैं।
रोहित पवार का कहना है, कि यह सीधा इशारा है, कि लोकसभा चुनाव व महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव इसी वर्ष दिसंबर में हो सकते हैं। उन्होंने इसके पीछे का कारण कर्नाटक में भाजपा की हार को बताया है।
एनसीपी में दोनों गुटों में कौन ज्यादा मजबूत है
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में टूट का मसला अब चुनाव आयोग तक पहुंच चुका है। एनसीपी के दोनों गुटों ने चुनाव आयोग को इस संदर्भ में पूरी जानकारी देते हुए स्वयं को असली पार्टी का तमगा हासिल होने का दावा किया है। साथ ही, एनसीपी के शरद पवार और अजित पवार गुटों की बुधवार को बैठक की जा रही है। इसमें निर्धारित किया जाएगा कि किस खेमे में कितने विधायक और सांसद हैं।
शरद पवार एवं अजित पवार के दोनों ही गुटों ने अपने साथ सर्वाधिक विधायक होने का दावा किया है। जानकारी के मुताबिक, शरद पवार की तरफ से बुलाई गई बैठक में कार्यकर्ताओं और विधायकों से शपथ पत्र भरवाया जा रहा है। जिसमें वह एनसीपी चीफ शरद पवार के प्रति अपनी वफादारी का एलान कर रहे हैं।
संजय राउत ने महाराष्ट्र का सीएम बदलने का दावा किया है
शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत ने अजित पवार के शिंदे सरकार में शम्मिलित होने पर महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बदलने का दावा किया। संजय राउत ने कहा, ''जिस तरह से अजित पवार को लाया गया है इसकी जरूरत नहीं थी। पूरा बहुमत उनके पास था, 170 तक उनका आंकड़ा हो गया था फिर भी अजित पवार जैसे वरिष्ठ नेता और कुछ विधायक को उनके सामने लाकर शिंदे गुट के सामने चुनौती दी है। शिंदे गुट का पावर समाप्त कर दिया है।आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री बदल सकता है।''