लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम आने के पश्चात से ही सत्ता हांसिल करने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उत्तर प्रदेश कैंप में काफी हलचल मची हुई है।
खबरों के अनुसार, उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने लोकसभा चुनाव के नतीजों पर यूपी की 80 सीटों पर पार्टी के चालीस हजार कार्यकर्ताओं से बातचीत और फीडबैक लेने के आधार पर 15 पेज की रिपोर्ट तैयार की है।
भूपेंद्र चौधरी ने पिछले दो दिनों में पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी चीफ जेपी नड्डा से मुलाकात कर फीडबैक रिपोर्ट सौंप चर्चा की है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य के सभी छह क्षेत्रों पश्चिमी यूपी, ब्रज, कानपुर-बुंदेलखंड, अवध, गोरखपुर और काशी क्षेत्र में भाजपा के वोट शेयर में कम से कम 8 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है। विगत लोकसभा चुनावों में सपा ने उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में से 37 सीटें जीतीं, जबकि 2019 में उसे पांच सीटें मिली थीं।
बीजेपी 62 सीटों से घटकर 33 सीटों पर सिमट गई। पार्टी के अपने आंकड़ों के अनुसार, पश्चिम और काशी क्षेत्रों में पार्टी ने सबसे खराब प्रदर्शन किया, जहां उसे 28 में से सिर्फ आठ सीटें मिली हैं। ब्रज में उसे 13 में से 8 सीटें हांसिल हुई हैं।
गोरखपुर में पार्टी को 13 में से सिर्फ छह सीटें मिलीं, जबकि अवध में उसे 16 में से सिर्फ 7 सीटें मिली हैं। कानपुर-बुंदेलखंड में भाजपा अपनी मौजूदा सीटें वापस पाने में विफल रही है। उसे यहां 10 में से सिर्फ 4 सीटें मिली हैं।
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प्रदेश में अधिकारियों और प्रशासन की मनमानी। सरकार के प्रति पार्टी कार्यकर्ताओं का असंतोष। पिछलें 6 साल लगातार सरकारी नौकरियों में पेपर लीक होना।
राज्य सरकार द्वारा सरकारी नौकरियों में संविदा कर्मियों को भर्ती सामान्य वर्ग के लोगों को प्राथमिकता मिलने से विपक्ष के आरक्षण खत्म करने जैसें मुद्दे को बल मिला।
राजपूत समाज की पार्टी से नाराजगी। संविधान बदलने पर पार्टी के नेताओ के द्वारा दिए गए बयान। जल्द ही टिकट वितरण करना और 6-7वें चरण के मतदान तक कार्यकर्ताओं के जुनून में कमी आना। सरकारी अधिकारियों में ओल्ड पेंशन मुद्दा भी हावी रहा। इसके साथ ही अग्निवीर भी इस चुनाव में बड़ा मुद्दा बन गया।
भारतीय जनता पार्टी का मानना है, कि निचले स्तर पर चुनावी अधिकारियों के द्वारा बीजेपी के कोर मतदाताओं के वोटर लिस्ट से नाम काटे गए। पार्टी की रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग सभी सीटों पर 30 हजार से 40 हजार पार्टी के कोर वोटर के नाम वोटर लिस्ट हटाए गए।