हिमाचल प्रदेश में आर्थिक संकट से जूझ रही सुक्खू सरकार का क्या कारण है ?

By :Admin Published on : 03-Sep-2024
हिमाचल

हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य की आर्थिक स्थिति बिगड़ने की वजह से ऐलान किया था कि उनके विधानसभा क्षेत्र के सदस्य और मुख्य संसदीय सचिव अगले दो महीने तक अपना वेतन और भत्ते नहीं लेंगे। 

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि मैंने अन्य विधायकों से भी अपील की है कि वे स्वेच्छा से अपना वेतन और भत्ते छोड़कर राज्य के इस संकट में सहयोग करें।

यह घोषणा मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा के सत्र के दौरान की। उन्होंने राज्य की आर्थिक स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कई कारणों से राज्य की आर्थिक स्थिति बेहद नाजुक है।

जानिए राजस्व में भारी कमी का क्या कारण है ? 

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि जून 2022 के बाद जीएसटी मुआवजे के बंद होने से भी राज्य को राजस्व में भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। 

इससे राज्य को सालाना लगभग 2,500-3,000 करोड़ रुपये की हानि हो रही है। पुरानी पेंशन योजना (OPS) को बहाल करने से भी राज्य की उधार लेने की क्षमता में लगभग 2,000 करोड़ रुपये की गिरावट आई है। 

इन समस्त चुनौतियों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि मौजूदा आर्थिक संकट से उबरना काफी आसान नहीं होगा। 

उन्होंने विधानसभा को आश्वस्त किया कि राज्य सरकार राजस्व बढ़ाने और अनुत्पादक व्यय को कम करने के लिए प्रयास कर रही है। परंतु इन प्रयासों के परिणाम आने में समय लगेगा।

सीएम सुक्खू ने केंद्र सरकार द्वारा कोई मदद ना मिलने की बात कही 

मुख्यमंत्री सुक्खू ने बताया कि वर्ष 2023-24 में राजस्व घाटा अनुदान 8,058 करोड़ था, जिसे इस वर्ष घटाकर 6,258 रुपये करोड़ कर दिया गया है। यानी 1,800 करोड़ रुपये की कमी आई है। 

अगले वर्ष (2025-26) में इस अनुदान में और 3,000 करोड़ की कमी आने की आशंका है, जिससे यह घटकर केवल 3,257 करोड़ रह जाएगा। सुक्खू ने आपदा के बाद की जरूरतों के आकलन (PDNA) का भी जिक्र किया। 

उन्होंने बताया कि इसके तहत राज्य को 9,042 करोड़ की आवश्यकता है, लेकिन केंद्र सरकार से अभी तक कोई धनराशि प्राप्त नहीं हुई है। 

इसके अलावा, राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत लगभग 9,200 करोड़ का योगदान पेंशन निधि नियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) से मिलना बाकी है। इसके लिए केंद्र सरकार से बार-बार अनुरोध करने के बावजूद अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।

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