दोस्तों, आजकल सियासी बयानबाजी और राजनीतिक हलचल काफी ज्यादा बढ़ गई है। लोकसभा चुनाव 2024 के 5 चरणों के चुनाव संपन्न हो चुके हैं।
पांच चरण पूरा होने के साथ साथ लोकसभा की 420 से भी अधिक सीटों पर मतदान प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है। भारत की राजनीति प्राचीन काल से ही काफी रोमांचक रही है।
क्योंकि, भारत के अंदर विभिन्न मत, मजहब, जाति, वर्ग और विचार धाराओं वाले लोग रहते हैं। इस वजह से चुनावों में जनता के अलग अलग मुद्दे सामने आते हैं।
वर्तमान की बात करें तो देश में राष्ट्रवाद की भावना काफी ज्यादा सुद्रण है। देश का मतदाता महंगाई, बेरोजगारी और गरीबी जैसे मुद्दों के बारे में बात ही नहीं कर रहा।
आजकल चुनाव में देश के हर राज्य से मतदाताओं द्वारा राम मंदिर और आर्टिकल 370 जैसे भाजपा के ऐतिहासिक फैसलों की गूँज सुनाई दे रही है।
कांग्रेस नेता राहुल गाँधी लोकसभा चुनाव प्रचार करते हुए जनता की गरीबी, बेरोजगारी और महंगाई को लेकर खटा-खट वादे किए जा रहे हैं। राहुल गाँधी के इन चुनावी वादों का कहीं तक देखा जाए तो जनता पर सकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिल रहा है।
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अगर हम उत्तर प्रदेश की बात करें तो भाजपा लगातार समाजवादी पार्टी पर परिवारवाद का आरोप लगाती आ रही है। इस बारे में मीडिया ने जब अखिलेश यादव से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा परिवारवाद भाजपा करती है।
अमित शाह के बेटे को बैट पकड़ना तक नहीं आता और उसको BCCI का चेयरमेन बना रखा है। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी के कार्यकर्तों पर भाजपा ने उनकी पार्टी के कार्यकर्ता की मौत का जिम्मेदार ठहराते हुए नंदीग्राम की सड़कों पर चक्का जाम लगा दिया है।
पहले संदेशखाली अब लगातार भाजपा की रैलियों पर पथराव की वजह से बंगाल के मतदाताओं का भाजपा की तरफ रुझान बढ़ सकता है।