भारत की राष्ट्रपति महामहिम द्रौपदी मुर्मू जी ने आज यानी गुरूवार को संसद के दोनों सदनों को संबोधित किया। इसमें उन्होंने कहा कि हाल की परीक्षाओं में हुई पेपर लीक की घटनाओं की निष्पक्ष जांच कराने और दोषियों को दंड दिलाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने गुरुवार को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए पेपर लीक की घटनाओं का जिक्र किया। राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार पेपर लीक की हालिया घटनाओं की निष्पक्ष जांच के लिए प्रतिबद्ध है।
दोषियों को कड़ी सजा दिलाई जाएगी। इससे पहले भी हमने विभिन्न राज्यों में पेपर लीक होते हुए देखा है। इसके लिए दलगत राजनीति से ऊपर उठकर संसद द्वारा एक सख्त कानून बनाने की जरूरत है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का कहना है कि "यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार का निरंतर प्रयास है कि देश के युवाओं को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का पर्याप्त अवसर मिले।
सरकारी नौकरियों में भर्तियों और परीक्षाओं में रुकावट आए ये उचित नहीं है। इसमें शुचिता और पारदर्शिता बेहद जरूरी है।"
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आगे कहा कि "संसद ने भी परीक्षा में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ एक कड़ा कानून बनाया है। सरकार परीक्षा कराने वाली संस्थाओं, उनके कामकाज के तरीके और परीक्षा प्रक्रिया में सुधार करने के दिशा में काम कर रही है।
साथ ही, उन्होने ये भी कहा कि "अठारहवीं लोकसभा में पहली बार संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए मुर्मू ने कहा कि उनकी सरकार देश के युवाओं को बड़े सपने देखने और उन्हें साकार करने में सक्षम बनाने के लिए माहौल तैयार करने का काम कर रही है। "
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जब दोनों सदनों को संबोधित कर रही थीं उस वक्त वह शिक्षा के मोर्चे पर सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का जिक्र कर रही थीं, उस समय विपक्ष के कुछ सदस्यों को राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा यानी (नीट) में कथित अनियमितताओं और गड़बड़ी को लेकर नारे लगाते सुना गया।
राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार पेपर लीक होने की हालिया घटनाओं की निष्पक्ष जांच करने और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार परीक्षा प्रक्रिया में सुधार लाने के लिए काम कर रही है।